पार्टी अध्यक्ष: मैडमजी, राम मंदिर का न्योता आया है, क्या किया जाए?
मैडम: बहुत ही मुश्किल हालात में डाल दिया है हमें ये न्योता दे कर!
पार्टी अध्यक्ष: सही बात है मैडमजी, अगर न्योता नहीं भेजते तो हमें हंगामा करने का मौका मिलता। हम छाती पीट पीट कर पूरे देश के सामने विक्टिम कार्ड खेल शकते की हमें न्योता नहीं दिया!😰 लेकिन हमें न्योता देकर हमारे हाथ से ये मुद्दा छीन लिया!😭
मैडम: वो तो ठीक है, वो इतनी बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात ये है की अब करे क्या? अगर हां बोल कर न्योता स्वीकार लिया तो हाथ कटेंगे, और ना बोला तो नाक!
पार्टी अध्यक्ष: तो फिर क्या किया जाए मैडमजी?
मैडम: (बहुत सोचने के बाद) देखो ऐसा करते है... बायां हाथ कटवाया तो हर सुबह तकलीफ़ होगी और दाहिना हाथ गया तो तो बहुत सारी तकलीफ। तो मुझे लगता है की नाक कटवाना ही अच्छा रहेगा।
पार्टी अध्यक्ष: जी मैडमजी, आप बिल्कुल ठीक बोल रही है, हम नाक कटवा लेते है।
थोड़ी देर बाद बाहर यात्रा यात्रा खेल रहा छोटा लप्पू कमरे में आया, मैडम की और थोड़ी देर तक देखता रहा और फिर बोला: वाउ ...मम्मी, तुम तो बिल्कुल रामानंद सागर की रामायण में मैने जो देखी थी वो शूर्पनखा दिख रही हो!
🤣🤣🤣